सिल्लोड शहर को पानी पहुचने वाला ‘खेळणा मध्यम प्रकल्प’ पिछले साल पानी के अभाव में सुखा पड़ गया था. ऐसे समय में जमीन से पानी निकलना काफी मुश्किल था.
“यह काम केवल पैसो के लिए नहीं अपितु गरीब नागरिको को पानी मिले इस उद्देशय से किया जाना चाहिए. अगर हम सब एकजुट होकर ईमानदारी से काम करे तो पानी का सोर्स ढूँढना मुश्किल नहीं है” ऐसा ढांढस श्री अब्दुल सत्तर जी ने काम करने वाले मजदूरो को दिया।
खेळणा प्रकल्प से पूर्व यहाँ पानी के अच्छे स्रोत थे, ऐसा कै. माणिकराव पालोदकरांनी की पुरानी यादो को ताज़ा करते हुए मा. आ. अब्दुल सत्तार जी ने कहा और प्रशासन से चर खोदने की अनुमति मांगी।